एयरड्रॉप टेस्ट के बाद दो बिना कर्मी उड़ानें 2025 के अंत तक एक कर्मी युक्त अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लक्ष्य के पूर्वसर्प हैं
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान मिशन की दूसरी परीक्षा उड़ान की योजना बना रहा है, जो की 24 अप्रैल, 2024 को है। इस घोषणा को ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने की थी, जो की अहमदाबाद में भारतीय खगोलीय सोसायटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हुआ।
 
चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 के सफल मिशनों के बाद ISRO अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं की सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है। आगामी अक्रू परीक्षा उड़ान गगनयान परियोजना का हिस्सा है, जो की भारत की अत्यधिक महत्त्वाकांक्षी योजना है कि वह अगले वर्ष के अंत तक अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान करे।
 
24 अप्रेल का कार्यक्रम मुख्य रूप से एयरड्रॉप परीक्षण पर केंद्रित होगा, जो की नव-विकसित परीक्षण वाहन और क्रू एस्केप सिस्टम की प्रदर्शन को मान्य करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस परीक्षण की सफलता महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पिछले अक्टूबर के सफल इन-फ्लाइट अबॉर्ट डेमोंस्ट्रेशन के बाद आता है। प्रारंभिक परीक्षण ने क्रू एस्केप सिस्टम की प्रभावी कार्य क्षमता का मूल्यांकन किया, जो की मैक नंबर 1.2 पर है, और इसकी योग्यता को हासिल की गई क्रू मॉड्यूल के विभाजन और उच्च ऊंचाई की स्थितियों में वसूली करने में।
 
यह आगामी मिशन अगले वर्ष के लिए योजनाबद्ध दो अतिरिक्त अक्रू मिशनों के लिए मंच भी तैयार करेगा। ये मिशन 2025 के पूरी करने के लिए मजूमदार अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लक्ष्य के लिए आवश्यक पूर्वसर्ग हैं।
 
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